जयपुर। भगवान कृष्ण की भक्ति में मीरा इतनी तल्लीन हो गई थी कि मोहमाया छोड़कर उन्हें पति मान लिया
जयपुर। भगवान कृष्ण की भक्ति में मीरा इतनी तल्लीन हो गई थी कि मोहमाया छोड़कर उन्हें पति मानते हुए उम्रभर कृष्ण की भक्ति में लीन रही। जयपुर जिले में गोविंदगढ़ पंचायत समिति के ग्राम नृहसिंहपुरा निवासी तीस वर्षीय पूजा सिंह ने भी भगवान की भक्ति में तल्लीन होकर सालिगरामजी से विवाह कर लिया। विवाह हिंदू रीति रिवाज के साथ 8 दिसंबर को हुआ। बेटी के विवाह में पिता शामिल नहीं हुए, मां ने सभी रस्में निभाई।
दूल्हे के रूप में पूजा के घर पहुंचे सालिगराम जी
गांव स्थित मंदिर से दूल्हे के रूप में पूजा के घर पहुंचे सालिगराम जी व बारातियों की आवभगत की गई। इसके बाद सभी रस्में संपन्न करवाई। विदाई की रस्म के साथ ही सालिगराम जी मंदिर में विराजमान हो गए। जबकि पूजा अपने घर पर ही रहकर सुबह भगवान की पोशाक व भोग लगाने के साथ ही शाम को दर्शन के लिए मंदिर जाती है। मां रतन कंवर का कहना है, वह बहुत खुश हैं कि बेटी ने भगवान से विवाह किया है।
पूजा की मां ने निभाई सभी रस्में
पूजा ने राजनीति विज्ञान से एमए किया है। पिता प्रेमसिंह बीएसएफ से सेवानवृत्त हैं और एमपी में सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। मां रतन कंवर गृहणी हैं। तीन छोटे भाई हैं। सालिगराम जी से विवाह का फैसला उसका खुद का था। शुरू में समाज, रिश्तेदार और परिवार के लोग इस पर सहमत नहीं हुए, लेकिन फिर मां ने बेटी की इच्छा का सम्मान कर सहमति दे दी, लेकिन पिता तैयार नहीं हुए, इसीलिए शादी में भी नहीं आए। ऐसे में सारी रस्में मां ने ही पूरी कीं । उसने बताया कि शादी में पापा के नहीं आने का दुख है।