सीएम जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान हाथ में मिट्टी लेकर खायी ये कसम

आंध्रप्रदेश के सीएम वाई एस जगनमोहन रेड्डी की बहन और वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने शुक्रवार को तेलंगाना के खम्मम जिले में पार्टी कार्यालय की स्थापना के लिए भूमि पूजन किया। इस दौरान उन्होंने पालेयर से चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि पालेयर निर्वाचन क्षेत्र उनका स्थान है और वह यहां के लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं, जो हमेशा उनके दिवंगत पिता वाईएसआर से प्यार करते थे। तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। खम्मम में भूमि पूजन के बाद शर्मिला ने प्रतीकात्मक रूप से वहां की मिट्टी को अपने हाथों में लिया और पालेयर के लोगों के अच्छे और बुरे समय में उनके खड़े होने की कसम खाई।
पिता वाईएसआर के योगदान को किया याद
वाईएस शर्मिला ने अपने पिता के योगदान को याद करते हुए कहा- उनके कार्यकाल के दौरान पालेयर में जलाशयों की मरम्मत की गई थी और निर्वाचन क्षेत्र में गरीबों के लिए 20000 से अधिक घर वितरित किए गए थे। वाईएसआर के प्रयासों की बदौलत नागार्जुन सागर और एसआरएसपी के माध्यम से 2 लाख 70000 एकड़ जमीन लाभान्वित हुई।
उन्होंने कहा कि कई मंडलों के लगभग 108 गांवों को सुरक्षित पेयजल मिला। इसके अलावा बिजली सब्सिडी से लेकर ग्रेनाइट कारखानों तक, बुनियादी ढांचे और कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से सभी वर्गों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए वाईएसआर ने हमेशा निर्वाचन क्षेत्र को प्राथमिकता दी।
वाईएस आरटीपी प्रमुख ने तेलंगाना सीएम केसीआर पर हमला बोला। उन्होंने पूछा कि क्या केसीआर ने 1000 घर भी बनवाए हैं? उन्होंने कितने एकड़ में पानी दिया? बिजली सब्सिडी वापस लेने के बाद केसीआर शासन ने इस क्षेत्र में ग्रेनाइट उद्योग को खत्म करना शुरू कर दिया उन्होंने इस दौरान घोषणा कर दी कि वह पालेयर से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वह चुनाव इस लिए लड़ रही हैं ताकि उनके दिवंगत पिता की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ सभी को मिल सके।
अनशन तोड़ने के लिए शर्मिला को किया था अरेस्ट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन और YSRTP पार्टी की चीफ शर्मिला रेड्डी को 10 दिसंबर की देर रात को गिरफ्तार कर लिया गया था। दरअसल वह टीआरएस सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी थीं। टीआरएस सरकार ने शर्मिला को प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा की मंजूरी नहीं दी थी। इसके विरोध में शर्मिला ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया था।उन्होंने पानी की एक बूंद तक नहीं पी थी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। शर्मिला का ब्लड प्रेशर और शरीर में ग्लूकोज लेवल बहुत ही चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया था। डॉक्टर्स ने चेतावनी दी थी कि अनशन के चलते शर्मिला की किडनी फेल होने की चेतावनी दी थी।