राजस्थान की आवाज// हनुमान राम चौधरी
राजस्थान के बहुचर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम जानलेवा हमले में करीब 9 माह बाद मुख्य साजिशकर्ता पूर्व सरपंच की गिरफ्तार किया गया। ऑडियो क्लिप में पुष्टि होने के बाद एसओजी ने गिरफ्तारी की है। वहीं, अमराराम का कहना है कि अब कुछ दर्द कम हुआ है। जितना दर्द हाथ-पैर तोड़ने पर नहीं हुआ उससे ज्यादा दर्द आरोपियों के बाहर घूमने पर हो रहा था। हमले का मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी हो गई, मुझे उम्मीद है हमला करने वाले शेष आरोपियों की भी एसओजी जल्द गिरफ्तार कर लेगी। मैने भ्रष्टाचार को उजागर किया था उसकी सजा मुझे मिली है।
दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम अपने भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए के लिए ग्राम पंचायतों से आरटीआई मांगी थी। यह बात सरपंच व जनप्रतिधियों को पसंद नहीं आई और 21 दिसंबर 2021 को बदमाशों ने हमला कर अमराराम के हाथ-पैर तोड़ कर असहनीय यातनाएं दी गई। बाड़मेर पुलिस ने दो दिन में ही चार आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया था। सरकार ने जांच सीआईडी को दे दी थी। करीब एक माह तक अमराराम जोधपुर अस्पताल में भर्ती रहा था। जांच में कुछ कार्रवाई नहीं होने पर अमराराम परिवार सहित जयपुर में 22 दिन धरने पर बैठ गए थे। आरएलपी सुप्रीमों के नेतृत्व में तीन विधायक साथ में धरने पर बैठे थे। सरकार ने मांग पर जांच एसओजी को सौंप दी थी।
आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम का कहना है कि नगाराम उर्फ नगराज ने अपने गुर्गे भेजकर पर ऊपर हमला करवा आईया था। इसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार हो चुका है तो मुझे जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है कि शेष हमलावार व साजिशकर्ता की भी गिरफ्तारी हो जाएगी। हमलावर 7-8 लोग थे इसमें चार ही गिरफ्तार हुए थे। शराब ठेकेदार का हमले मामले में कोई लेना-देना ही नहीं है। पूर्व सरपंच नगाराम ने भ्रष्टाचार खुलासा रोकने के लिए परिवार का दबाव डलवाया और रुपए देने की कोशिश की लेकिन मैंने रुपए लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद इन्होंने हमला करवाया है। मुझे जनहित के लिए लड़ना है पैसो का लालच नही है।