राजस्थान की आवाज//हनुमान राम चौधरी
आरोपी पूर्व सरपंच नगराज उर्फ नगाराम ।
राजस्थान के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता हमले मामले में एसओजी ने षड्यंत्र रचने के आरोप में पूर्व सरपंच को शुक्रवार को गिड़ा गांव से गिरफ्तार किया है। एसओजी ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। वहीं एसओजी पूरे मामले की जांच में जुटी है।
दरअसल, 10 माह पहले गिड़ा में आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम पर जानलेवा हमला करते हुए बेरहमी से मारपीट व हाथ पैर तोड़ने और कीले ठोकने के आरोप कारण यह मामला राज्य सरकार तक पहुंचा और करीब डेढ़-दो माह तक जोधपुर में भर्ती रहा था। पुलिस ने चार आरोपियों को दो-तीन दिन में गिरफ्तार कर लिया था। एसओजी जांच करते हुए करीब 5-6 मोबाइल को जब्त किया था। अलग-अलग मोबाइल में ऑडियो क्लिप मिली थी। एसओजी के मुताबिक टीम ने शुक्रवार को गिड़ा पहुंची और आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले के मामले में वांछित आरोपी नागराज उर्फ नगाराम को पूछताछ के लिए साथ ले गई। टीम ने एक ऑडियो क्लिप में नगाराम के आवाज की पुष्टि करवाई। आरोपी को गिरफ्तार किया गया। एसओजी को काफी समय तलाश थी।
एसओजी एएसपी कमलसिंह मय टीम ने आरोपी नागराज को शनिवार को बाड़मेर कोर्ट (वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) में पेश किया गया। कोर्ट ने नागराज को को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। वहीं एसओजी जब्त मोबाइल के ऑडियो क्लिप की जांच में जुटी है।
दिया। वहीं एसओजी जब्त मोबाइल के ऑडियो क्लिप की जांच में जुटी है।
आरोपी पूर्व सरपंच नागराज ने मीडिया को बताया कि घटना से पहले अवैध शराब को पकड़वाया था। उन में से किसी ने हमला किया होगा। मुझे तो पूछताछ लिए लेकर आए। ऑडियो क्लिप मैने नहीं सुनी। आरोप तो कोई किसी पर भी लगा सकता है।
घटना के कुछ दिनों बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच सीआईडी को दे दी थी। लेकिन इस बाद कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर एक्टिविस्ट अमराराम आरएलपी संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल से मुलाकत की थी। वहीं राजस्थान उप प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ जोधपुर हॉस्पिटल में अमराराम से मुलाकात की थी। इसके बाद विधानसभा सत्र में बीजेपी व आरएलपी ने विधानसभा में भी मामला उठाया। आरएलपी ने अमराराम के साथ धरना दिया। सरकार ने मांग पर जांच सीआईडी से जांच एसओजी को दे दी थी।
यह था मामला
बाड़मेर जिले के गिड़ा थाना इलाके में कुछ बदमाशों ने गत 20 दिसम्बर को आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने अमराराम का अपहरण करने के बाद उसकी पिटाई कर उसे अमानवीय यातनाएं दीं। हमलावरों ने आरटीआई कार्यकर्ता के दोनों पैर और एक हाथ तोड़ दिए थे। उसके बाद उसे गांव के पास सड़क किनारे फेंक गए। चार आरोपियों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी थी। सरकार ने पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी को दे दी थी, लेकिन हमलावरों व साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी , नहीं होने के कारण अमराराम पूरे परिवार के साथ जयपुर में धरने पर बैठ गए थे। आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल व विधायक नारायण बेनीवाल सहित आरएलपी भी धरने पर बैठ गई थी। सरकार के साथ वार्ता के बाद जांच एसओजी को दे दी थी।